आत्मनिर्भर भारत बनाने में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की है अहम भूमिका

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मंगलायतन विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा छह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसका विषय ‘‘ऑटोकैड और उसका अनुप्रयोग’’ है। छह दिवसीय कार्यशाला में विद्यार्थियों को ऑटोकैड सॉफ्टवेयर की विभिन्न कमांड के साथ ही उससे डिजाइन तैयार करने की जानकारी प्रदान की जाएगी।
कार्यशाला के शुभारंभ सत्र में प्रो. महेश कुमार ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के आधुनिक युग में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में अहम भूमिका है। विभाग के निदेशक डा. किशनपाल सिंह ने कहा कि एक समय था जब इंजीनियर व आर्किटेक्ट के पास विचारों को चित्रित करने का तरीका सिर्फ यही था कि वह हाथ से उसे बनाए। लेकिन आज कागज व कलम का स्थान कंप्यूटर एवं ऑटोकैड जैसे सॉफ्टवेयर ने ले लिया है। प्रशिक्षक जयंत रोहेला ने बताया कि ऑटोकैड एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है जो टूडी व थ्रीडी डिजाइन को आसानी से बनाने और संपादित करने में अहम भूमिका निभाता है। विभिन्न इंजीनियरिंग कंपनियों में इसका प्रयोग होता है। उनके द्वारा ऑटोकैड की विभिन्न कमांड जैसे सर्किल प्लॉट, लाइन प्लॉट आदि को ड्रॉ करने के लिए आवश्यक प्रोग्रामिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम समन्वयक अवतार सिंह कुंतल व श्वेता भारद्वाज रहे। इस अवसर पर मोहन माहेश्वरी, कुनाल, नसीम आदि थे।

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