मंगलायतन विश्वविद्यालय में देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन एंड रिसर्च और इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के तत्वाधान में शिप्रा ब्लॉक में किया गया। मुख्य अतिथि मानवीय संकाय के डीन प्रो. जयंतीलाल जैन रहे।
छात्रा प्राची, मंतसा, भूमिका, अंजली, प्रिया ने सरस्वती वंदना की। वहीं छात्राओं ने शिक्षा के प्रति जागरुकता लाने के लिए नाट्य प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि प्रो. जयंतीलाल जैन ने कहा कि समय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आए हैं। नई टेक्नोलॉजी के साथ विद्यार्थियों को शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सदाचार व नैतिकता के साथ विद्या ग्रहण करने वाले छात्र आगे बढ़ते हैं। व्यक्ति का जीवन उसकी शिक्षा पर ही निर्भर करता है। कार्यक्रम संयोजक डा. दीपशिखा सक्सेना ने नई शिक्षा नीति के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। यूआईआईसी के डायरेक्टर टीएस राजपूत ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि करियर बनाने के लिए सिर्फ नौकरी करना ही विकल्प नहीं है। पल्लवी, मोहित व दृष्टी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम समन्वयक डा. राजेश उपाध्याय रहे। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा, प्रो. रविकांत, प्रो. सिद्धार्थ जैन, राजेश पंचसरा का सहयोग रहा। संचालन प्रियंका व आशुतोष ने किया। इस अवसर पर डा. संजयपाल, डा. कविता, डा. रचना, डा. अनुराधा, रामकुमार पाठक आदि थे।
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