अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज के विद्यार्थियों ने विश्व एनेस्थीसिया (निश्चेतना) दिवस मनाया। प्रथम सत्र में निश्चेतना के जनक टी.जी. मार्टिन का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। द्वितीय सत्र में एनेस्थीसिया की विभिन्न विधियों एवं सर्जरी में उपयोग होने वाली पुरातन एवं नवीन निश्चेतक औषधियों एवं उनके प्रभाव के संबंध में व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन हुआ।
कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने कहा कि किसी भी तरह की सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज को बेहोशी की दवा देते हैं, जिसे एनेस्थीसिया कहते हैं। शल्य चिकित्सा में एनेस्थीसिया की अहम भूमिका होती है। इसे इंजेक्शन या गैस के रूप में रोगी को दिया जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में नवीन शोध, सुरक्षित दवाओं एवं अच्छे प्रशिक्षण के कारण एनेस्थीसिया रोगी को देना सुरक्षित हो गया है। निदेशक आईएनपीएस प्रो. आरके शर्मा ने बताया कि विश्व निश्चेतना दिवस 16 अक्टूबर को विलियम टी.जी. मार्टिन की याद में दुनिया भर में मनाया जाता है। यह चिकित्सा के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इस खोज ने मरीजों के ऑपरेशन से जुड़ी असहनीय पीड़ा एवं भय को बिना किसी दर्द के संभव बना दिया। कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा, सीएमओ डा. फैज ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर डा. आरफा आलम, डा. अलका सिंह, सलोनी सिंह, शालिनी सिंह, जितेंद्र सारस्वत, आकाश सिंह, राजेश कुमार, निधि गर्ग, मीनाक्षी बिष्ट, नेहा कुशवाह, डा. सौरभ मिश्रा, डॉ. सोनी सिंह आदि थे।