-मंगलायतन विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
मंगलायतन विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड साइंस द्वारा डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर इंजीनियरिंग एंड एप्लीकेशन के सहयोग से किया जा रहा है। सेमिनार का विषय ‘विज्ञान और इंजीनियरिंग में गणितीय और कम्प्यूटेशनल विधियां’ रहा। प्रथम दिवस देश-विदेश से गणित और कंप्यूटर विज्ञान के प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा सेमिनार में प्रतिभाग करके गणितीय और कम्प्यूटेशनल विधियों पर विचार साझा किए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना एवं विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ हुआ। इस अवसर पर कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए अतिथियों का अभिनंदन किया। डीन एकेडमिक प्रो. राजीव शर्मा ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की और इसके उद्देश्य तथा महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता सर्बिया की स्टेट यूनिवर्सिटी नोवी पजार के प्रो. एबरहार्ड मैल्कोव्स्की ने सेमिनार को संबोधित करते हुए बनाक स्पेसेज के मैट्रिक ट्रांसफॉर्मेशन में उपयोग की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने गणितीय संरचनाओं के गहन विश्लेषण के माध्यम से इसके संभावित अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता सर्बिया की यूनिवर्सिटी ऑफ निस की प्रो. वेस्ना वेलिको विक ने लाइन ग्राफिक्स, पॉलीगन मैश एवं रे-ट्रेसिंग जैसी तकनीकों के माध्यम से गणित को दृष्टिगोचर (विजुअलाइज) बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका मानना था कि इन तकनीकों के माध्यम से जटिल गणितीय संकल्पनाएं अधिक स्पष्ट रूप से समझाई जा सकती हैं। आमंत्रित वक्ता जापान की योकोहामा नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रो. ताकानोरी इबाराकी ने स्थिर बिंदु समस्याओं के समाधान हेतु सिकुड़न प्रक्षेपण विधियों तथा उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर व्याख्यान दिया।
वहीं, डा. अयनूर साहिन ने निश्चित बिंदु सिद्धांत के उपयोग को रेखांकित किया। विशेषकर इमेज प्रोसेसिंग, वित्त और कंप्यूटर विज्ञान जैसे क्षेत्रों में इसके प्रभावशाली परिणामों की चर्चा की। डा. जावेद अली ने भी सेमिनार को संबोधित करते हुए संबंधित विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। मंविवि के कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा ने कहा कि हमें जीवन और शैक्षणिक क्षेत्रों की विविध समस्याओं का समाधान खोजने की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए। सेमिनार न केवल समाधान प्रस्तुत करते हैं, बल्कि वे हमें नवीन विचारों को विकसित करने, समस्याओं की खोज करने और भविष्य की रणनीतियां तैयार करने की प्रेरणा भी देते हैं।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सेमिनार की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा, प्रो. रविकांत, प्रो. वाईपी सिंह, डा. राजेश उपाध्याय ने आयोजन की सराहना करते हुए शुभकामनाएं दीं। समन्वयक प्रो. मनीषा शर्मा व डा. जावेद वसीम व सह समन्वयक डा. हिबा इस्लाही रही। आभार व्यक्त सह समन्वयक डा. स्वाति अग्रवाल व संचालन डा. दीपिका बांदिल ने किया। इस अवसर पर प्रो. किशनपाल सिंह, डा. सौरभ गुप्ता, डा. मनोज वाष्र्णेय, डा. पूनम रानी, डा. रोबिन वर्मा, राहुल देव, देवाशीष चक्रवर्ती, तरुन शर्मा समेत अनेक शिक्षाविद एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।