अच्छे शोध प्रोजेक्ट का मूल है बुनियादी अवधारणा

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-मंगलायतन विश्वविद्यालय में अनुदान प्रस्ताव लिखने पर हुई कार्यशाला
अलीगढ़।
 मंगलायतन विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आइक्यूएसी) द्वारा अनुसंधान एवं विकास अनुदान प्रस्ताव लिखने पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय में शोध कार्य की एक मजबूत संस्कृति है और यह कार्यशाला संकाय सदस्यों में एक मजबूत शोध अभिविन्यास विकसित करने के प्रयासों का हिस्सा थी। कार्यशाला में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पूर्व वैज्ञानिक डा. राजीव के तायल व दांडू राधा प्रसाद राजू विशेषज्ञ के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को कार्यशाला के प्रतिभागियों के साथ साझा किया।
कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने दोनों विशेषज्ञों का स्वागत किया और प्रतिभागियों को उनके साथ गहराई से बातचीत करने और प्राप्त ज्ञान का उपयोग बेहतर शोध प्रस्ताव लिखने के लिए करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी फंडिंग एजेंसियों से शोध निधि प्राप्त करने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा। डा. राजीव तायल ने शोध विचार की मूल अवधारणा पर काम करके एक मजबूत शोध प्रस्ताव लिखने के विचार को समझाया। उन्होंने कई उदाहरण दिए कि कैसे बुनियादी अवधारणा एक अच्छे शोध प्रोजेक्ट का मूल है। डा. प्रसाद राजू ने विभिन्न फंडिंग एजेंसियों और अनुसंधान निधि योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला में उन्हें दिए गए अभ्यासों पर काम किया। वहीं, अपनी समझ को बेहतर बनाने के लिए प्रश्न भी किए। इस दौरान डा. राजीव तायल द्वारा लिखित पुस्तक ‘रिसर्च इनसाइट्स’ प्रतिभागियों को वितरित की गई। कार्यशाला में डीन एकेडमिक प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी, प्रो. रविकांत, प्रो. बृजेश शर्मा, प्रो. फवाद खुर्शीद, प्रो. निशांत कटियार, प्रो. सुनील गुप्ता, प्रो. आरके शर्मा, प्रो. वाईपी सिंह, प्रो. प्रमोद कुमार, डा. राजेश कुमार उपाध्याय, डा. केपी सिंह, डा. मयंक प्रताप सिंह आदि थे।

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