मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके दशोरा, प्रति कुलपति प्रो. सिद्दी विरेशम, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, संयुक्त कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा व प्रो. मसूद परवेज ने विश्वविद्यालय के दृश्य एवं कला विभाग की अध्यक्ष डा. पूनम रानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘जैन पौथी चित्रण कला’’ का विमोचन किया। यह पुस्तक जैन धर्म में चित्रकला की समृद्ध परंपरा का एक व्यापक अध्ययन प्रस्तुत करती है। कुलपति ने डा. रानी के अनुसंधान कार्य की सराहना की और कहा कि यह पुस्तक जैन कला के अध्ययन में एक मूल्यवान संसाधन साबित होगी। उन्होंने विश्वविद्यालय में शोध को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें बधाई दी।
डा. पूनम रानी ने बताया कि यह ग्रंथ चित्रकला के विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए जैन चित्रकला शैली के तथ्यों को जानने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इसमें जैन चित्रकला के कलात्मक व धार्मिक गतिविधियों के समस्त पहलुओं को लिपिबद्ध किया गया है। भारतीय चित्रण शैली में 10 वीं से 15 वीं सदी तक ग्रंथ प्राकृत भाषा में लिखे गए और चित्रित किए गए। ताड़पत्र व कागज पर अंकित कल्पसूत्र तथा कालकाचार्य कथा के आधार पर निर्मित ऋषभनाथ, नेमिनाथ और पार्ष्वनाथ के साथ 20 तीर्थांकरो के दृष्टांत चित्रों का विवरण इस पुस्तक में किया गया है। यह पुस्तक विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि जैन सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराने में कला जगत में एक अग्रणी भूमिका निभाएगी। क्योंकि पुस्तक में पवित्र ग्रंथों, तीर्थपटों, चित्रित काष्ठ आवरणों, वसंत विलास, गीत-गोविंद आदि के 240 बहुमूल्य चित्रों का प्रकाशन किया गया है।