मंगलायतन विश्वविद्यालय में भगवान श्री महावीर स्वामी दिगम्बर जैन मंदिर में दशलक्षण महापर्व श्रद्धा एवं उत्साह के साथ प्रारंभ हुआ। पहले दिन छात्रों ने प्राध्यापकों के साथ प्रक्षाल, अभिषेक, पूजन-अर्चना में भाग लिया। मयंक जैन ने उत्तम क्षमा की व्याख्या की और उसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मानव से गलतियों हो जाना स्वाभाविक है। गलती पर हमें दूसरों को दंडित करने का अधिकार नहीं है। आत्म संतुष्टि के लिए कुछ देना है तो वह क्षमा है। निदेशक छात्र गतिविधि प्रो. सिद्धार्थ जैन ने बताया कि दशलक्षण पर्व पर प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। वहीं कुलपति प्रो. पीके दशोरा, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत ने दशलक्षण महापर्व की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर हेमंत, उत्कर्ष, रोहित, मुस्कान, प्रतिज्ञा, प्रासवी आदि विद्यार्थी उपस्थित रहे।
श्रद्धा व उत्साह के साथ शुरू हुआ दशलक्षण महापर्व
