मंगलायतन विश्वविद्यालय के मंगलायतन आयुर्वेदिक कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर द्वारा सोमवार को सिद्ध दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने प्राचीन चिकित्सा पद्यति सिद्ध चिकित्सा पर अपने विचार रखे।
प्रधानाचार्या डा. कुमुदिनी पवार ने कहा कि आयुष फॉमिली का मेंवर होने से हम सिद्ध डे मना रहे हैं। सिद्ध चिकित्सा पद्धति तमिल भाषा में वर्णित है। डा. विजय पाठक ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में सिद्ध चिकित्सा पद्धति शुरु हुई थी। उत्तर भारत में भी इस पद्धति का विकास करना है। डा. प्रतिभा प्रकाश ने कहा कि इस पद्धति में कई जटिल, अभिनव चिकित्सीय उपाय और उपचार के तौर-तरीके मौजूद हैं। डीन एकेडमिक प्रो. उल्लास गुरुदास व डायरेक्टर हॉस्पीटल प्रो. वैंकट ने कार्यक्रम के आयोजन पर प्रशन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन छात्र रोहित देवान ने किया। इस अवसर पर डा. अनघा श्रीनिवास, डा. अजय गौर, डा. नीरज, डा. रेखा रानी, राघवेंद्र सारस्वत, ममता, मनीष आदि उपस्थित थे।
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