मंगलायतन विश्वविद्यालय में वर्ष 2010 में हुई थी मंदिर की स्थापना
अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय स्थित दिगंबर जिन मंदिर का 12 वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। विवि परिसर जैन भजनों से गुंजायमान रहा। शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ हुआ। तद्उपरांत पंडित कैलाश चंद जैन परिवार द्वारा जिनवाणी विराजमान की और शांति विधान किया गया।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि हम उस विवि में है जिसकी कीर्ति जिनालय से निरंतर प्रकाशमान होती है। कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा ने शुभकामना देते हुए कहा कि विगत वर्षों में विवि उन्नति के नए आयामों को स्पर्श किया है। तीर्थधाम मंगलायतन अलीगढ़ के निर्देशक पंडित सुधीर शास्त्री ने जैन धर्म के सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिन मंदिर आध्यात्मिक शिक्षालय होते हैं। प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि जिन मंदिर विश्वविद्यालय की कीर्ति का प्रमुख केंद्र है और भगवान महावीर के आशीर्वाद से निरंतर प्रगतिशील है। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. जयंतीलाल जैन ने संसारी जीव और मुक्त जीव को परिभाषित करते हुए शांति विधान के मूल विषयों पर प्रकाश डाला। पंडित समकित शास्त्री ने जैन भजन सुनाए। अनिल जैन ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह व साहित्य देकर सम्मानित किया। प्रो. सिद्धार्थ जैन ने आभार व्यक्त किया व संचालन मयंक जैन ने किया। आयोजन की व्यवस्था एमयूएससी ने संभाली। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, आशा जैन, लव मित्तल, राजेश पंचसारा, रामकुमार, निवेदन तोमर एवं छात्र मोहित, पलक, रोहित, शगुन, मनीष, आयशा आदि उपस्थित र