मंगलायतन विवि में मनाया गया विश्व नर्सिंग दिवस
अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय में गुरुवार को विश्व नर्सिंग दिवस मनाया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय में नर्सिंग कोर्स का स्थापना दिवस व उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ। वक्ताओं ने नर्सिंग दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए नर्सेस के कार्य को सराहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्ज्वलन व फलोरेंस नाइटेंगल के सामने कैंडल जलाकर किया। कुलपति ने कहा कि नर्सेस का कार्य बहुत ही समर्पण, जिम्मेदारी का होता है। नर्सेज को श्रेष्ठ प्रोफेशन में सर्वश्रेष्ठ प्रोफेशन बताया गया है नर्सेज सेवा ही है जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में असंभव कार्य को संभव बनाना और जागृत करने का विश्वास जगाती है। विश्वविद्यालय में नर्सिंग की उच्चतम शिक्षा के साथ बेहतर सुविधाओं प्रदान की जाती हैं, ताकि यहां से जाने के बाद विद्यार्थी श्रेष्ठ नर्स के रुप में समाज व देश की सेवा कर सकें। ग्रुप रजिस्ट्रार ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने वैश्विक मान्यता के लिए विश्व भर की नर्सिंस के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य को सराहा। उन्होंने नर्सिंग कोर्स को चुनने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए बधाई दी। डीन अकेडमिक उल्लास गुरुदास ने कहा कि नर्सेस न केबल देश में बल्कि पूरे विश्व में अपनी सेवाएं देती है। कोई भी मेडिकल सर्विस बिना नर्सिंग के पूर्ण नहीं है।
मानवीय संकाय के डीन प्रो. जयंतीलाल जैन ने कोबिड महामारी के दौर में नर्सों के साहस व उनके योगदान का सराहा। परीक्षा नियंत्रक डा. दिनेश शर्मा ने विश्वविद्यालय द्वारा उच्च व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बेहत माहौल प्रदान किए जाने के संबंध में जानकारी देते हुए संपूर्ण शैक्षणिक प्रक्रिया से अवगत कराया।
इससे पूर्व छात्राओं द्वारा मां सरस्वती वंदना व अनेकता में एकता को प्रदर्शित करते नाटक का मंचन किया। छात्रा वैशाली भारद्वाज ने फलोरेंस नाइटेंगल के जीवन पर प्रकाश डाला। अजिता ने सोलो डांस एवं अनामिका व रुचि ने अपने साथियों के साथ ग्रुप डांस की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटौरी। मंच के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपना परिचय दिया। कार्यक्रम संयोजक सुधा गौतम ने आभार व्यक्त किया। संचालन डा. नियित शर्मा ने किया। इस मौके पर डा. मनोज पटैरिया, डा. अंकुर अग्रवाल, मनोज गुप्ता, डा. राजीव शर्मा, डा. सिद्धार्थ जैन, डा. दीपशिखा सक्सेना, डा. संतोष गौतम, डा. अनुराग शाक्य, मयंक सिंह आदि थे।
I really appreciate the time and effort you put into creating such high quality content. I believe your contribution will help many others.
This article rightly honors nurses’ tireless service—their dual role as medical experts and emotional anchors is often undervalued. The pandemic especially revealed their critical resilience. Future pieces could explore how nurse-patient ratios directly impact recovery rates, reinforcing the need for systemic support