कृषि उत्पादों की मात्रा एवं गुणवत्ता बनाए रखना है आवश्यक

Spread the love

मंगलायतन विश्वविद्यालय के कृषि संकाय द्वारा एक्स्ट्रा म्यूरल व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विशेषज्ञों ने गुणवत्तायुक्त एवं टिकाऊ खेती के लिए मृदा संरक्षण एवं एकीकृत नाशी जीव कीट प्रबंधन पर विशेष बल दिया।
उद्घाटन कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण एवं खेती योग्य कम होती भूमि पर आधुनिक वैज्ञानिक विधि से खेती करके भविष्य में कृषि उत्पादन करना होगा। कुलसचिव बिग्रेडियर समरवीर सिंह ने बताया कि फसलों में कीटों एवं बीमारियों से बचाव हेतु सर्वाग्राही उपायों को अपनाने की आवश्यकता है। विभागाध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए व्याख्यानों की महत्ता पर विस्तार में प्रकाश डाला।
कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के पूर्व कुलसचिव एवं विभागाध्यक्ष कीट विज्ञान विभाग प्रो. आरएस विसेन ने कहा कि करोड़ों वर्ष पूर्व मानव ने धरती पर खेती करना शुरू किया। उत्पादन में अनवरत वृद्धि करते हुए आज भारत कृषि उत्पादों को कई देशों को निर्यात कर रहा है। कृषि उत्पादों की मात्रा एवं गुणवत्ता बनाए रखना आवश्यक है। चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि वैज्ञानिक प्रो. कौशल कुमार ने बताया कि भूमि की सही देखभाल न होने के कारण उपजाऊ भूमि का निरंतर हास हो रहा है। तकनीक के द्वारा उपजाऊ भूमि के क्षरण का प्रबंधन संभव होगा। उन्होंने घटते भूमिगत जल स्तर, मृदा क्षरण, मृदा कार्बन एवं शहरीकरण में असीमित विस्तार भविष्य के लिए चिंता व्यक्त की। संचालन डा. आकांक्षा सिंह ने तथा प्रो. वेदरत्न ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. एके दुबे, डा. संजय सिंह, डा. मयंक प्रताप, डा. प्रत्यक्ष पांडेय, डा. विपिन, डा. रोशन लाल, डा. पवन कुमार सिंह, डा. कृष्णा पटेल, पंकज कुमार, देवेंद्र कुमार आदि थे।

Related posts