विद्यार्थियों के भविष्य को प्रभावित करती हैं रैगिंग जैसी गतिविधियां

Spread the love

मंगलायतन विश्वविद्यालय में आयोजित दिशा कार्यक्रम के दूसरे दिन एप्लाइड साइंस, कृषि और बायोटेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों के लिए विशेष सत्र आयोजित हुआ। इस सत्र में विद्यार्थियों को केवल एंटी-रैगिंग नीति और अनुशासन से अवगत ही नहीं कराया गया, बल्कि उन्हें नेतृत्व, जिम्मेदारी और सकारात्मक माहौल बनाने की प्रेरणा भी दी गई। सत्र के दौरान बताया गया कि रैगिंग जैसी गतिविधियां विद्यार्थियों के भविष्य को प्रभावित करती हैं। विश्वविद्यालय में ऐसी गतिविधियों को किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने कहा कि वरिष्ठ विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपने आचरण और व्यवहार से अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि रैगिंग अपराध है, विद्यार्थी आपसी संवाद, सहयोग और भाईचारे को मजबूत करें, यही स्वस्थ शैक्षणिक संस्कृति की पहचान है। चीफ प्रॉक्टर प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार हर छात्र की प्रगति में सहभागी है। अनुशासन और सहयोग के साथ ही विद्यार्थी अपनी असली क्षमता का विकास कर सकते हैं। वहीं, प्रॉक्टर प्रो. किशन पाल सिंह ने कहा कि यह खुशी की बात है कि विश्वविद्यालय में कोई रैगिंग से संबंधित मामला संज्ञान में नहीं आया है। सुरक्षा और सहयोग का वातावरण तैयार करना सभी का दायित्व है। कार्यक्रम का संचालन एंजेला फातिमा ने किया।

Related posts