डिजिटल युग में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है। इसी उद्देश्य से मंगलायतन विश्वविद्यालय के सभागार में ‘साइबर कवच’ विषय पर राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई एक और सात के संयुक्त तत्वावधान में व्याख्यान का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में अलीगढ़ पुलिस की साइबर सेल टीम ने छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा से जुड़े एहतियाती कदमों के बारे में विस्तार से बताया।
मुख्य वक्ता निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि डिजिटल उपकरण हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपराधों की रोकथाम के लिए व्यक्तिगत सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है। उप निरीक्षक अमित चौहान ने छात्रों को पासवर्ड और ओटीपी किसी के साथ साझा न करने की सलाह दी। उन्होंने मोबाइल में टू-स्टेप वेरिफिकेशन लगाने और सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचने की सलाह भी विद्यार्थियों को दी। वहीं, उप निरीक्षक कुसुमलता ने विशेष रूप से छात्राओं को सोशल साइट्स पर सावधानी बरतने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि टीनएजर्स को सोशल मीडिया पर संवाद करते समय भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए और अति-भावुकता से बचना चाहिए। एनएसएस की समन्वयक डा. पूनम रानी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का आयोजन कार्यक्रम अधिकारी डा. मनीष राव अंबेडकर और मनीषा उपाध्याय ने किया। छात्र युवराज कुमार ने संचालन किया। इस अवसर पर प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. प्रदीप कुमार, अजय राठौर, श्रेष्ठ उपाध्याय, योगेश कौशिक सहित अनेक संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।