मंगलायतन विश्वविद्यालय के दृश्य एवं प्रदर्शन कला विभाग व राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में वसंतोत्सव को आयोजन किया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. पीके दशोरा, विशिष्ठ अतिथि कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह रहे। कुलपति ने कहाकि यह वसंत का मौसम देश के बलिदानियों को नमन करने का दिन है। जिन्होंने वसंती चोला ओढ़ के अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आज का दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की वंदना का दिन है। विद्यार्थियों को मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए। क्योंकि मां सरस्वती श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम की ओर ले जाती हैं। कुलसचिव ने कहा कि मां सरस्वती ज्ञान, बुद्धि, कला एवं संगीत की देवी हैं। वसंत पंचमी, वसंत ऋतु के आगमन की घोतक है। यह दिन विद्यार्थियों के लिए मां सरस्वती की आराधना कर अपने आपको ज्ञानार्जन के लिए पुनः समर्पित करने का दिन है। विभागाध्यक्षा डा. पूनम रानी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि वसंत पंचमी का सनातन संस्कृति में विशेष महत्व है, उन्होंने पौराणिक कथाओं के माध्यम से वसंत के महत्व को बताया। छात्र सुंदर और अर्जुन यादव ने भजन की मनमोहक प्रस्तुति दी। वहीं श्रुति, नयन और खुशी ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। संचालन याशिका गुप्ता ने किया। आभार पं. देबाशीष चक्रवर्ती ने व्यक्त किया। आयोजन में विलास फाल्के, रामकृष्ण घोष, प्रेमलता का सहयोग रहा। इस अवसर पर प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. केपी सिंह, प्रो. अनुराग शाक्य, प्रो. आरके शर्मा, डा. संतोष गौतम आदि थे।