-मंगलायतन विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का हुआ समापन
मंगलायतन विश्वविद्यालय में साप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें “अनुसंधान एवं नवाचार: विकसित भारत के लिए एक प्रभावी साधन” विषय पर आधारित व्याख्यान आयोजित हुए। आयोजन शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, व्यवसाय प्रबंधन एवं वाणिज्य संस्थान, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षण विधियों में नवाचार को प्रोत्साहित करने शिक्षकों की पेशेवर क्षमता को बढ़ाना था।
कार्यक्रम के सफल आयोजन पर शुभकामनाएं देते हुए कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने कहा कि जीवन में प्रेरित होना बहुत जरुरी है। इससे हमें बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है। हम जानते हैं कि समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है। क्योंकि हम में शून्य से सृष्टि कि रचना करने की क्षमता है। उन्होंने जंग जारी है, जीत का इतिहास बनाना है प्रेरक वाक्य के साथ अपने संबोधन को विश्राम दिया। कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने कहा कि विकसित भारत अभियान से जुड़े इस कार्यक्रम ने शिक्षकों के ज्ञान वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बलिदानी मनोज पांडेय विक्रम बत्रा का उदाहरण देते हुए सभी को प्रेरित किया। डीन एकेडमिक प्रो. राजीव शर्मा ने देश की आर्थिक वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए कहाकि भारत अब पर्याप्त उत्पादन वाला देश बन गया। हम विदेशों में वस्तुओं का निर्यात करने वाले बन गए हैं। 2047 तक विकसित राष्ट्र होंगे। परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा, डीन रिसर्च प्रो. रविकांत, प्रो. मसूद परवेज, प्रो. अब्दुल वदूद ने शुभकामनाएं प्रेषित की। आईक्यूएसी के निदेशक डा. राजेश उपाध्याय ने कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की। संचालक डा. स्वाति अग्रवाल व एन्जला ने किया। इस अवसर पर प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. सौरभ कुमार, प्रो. सिद्धार्थ जैन, प्रो. अनुराग शाक्य, प्रो. मनीषा शर्मा, डा. संतोष गौतम, डा. रोबिन वर्मा, डा. पूनम रानी, डा. नियति शर्मा, डा. सोनी सिंह, डा. अशोक उपाध्याय, डा. दीपशिखा सक्सेना, डा. स्वाति अग्रवाल, लव मित्तल, डा. दीपमाला, डा. संजय पाल, डा. रवि शेखर आदि थे। कार्यक्रम के समापन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सहयोगियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।