मंविवि की कार्यकारी परिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

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मंगलायतन विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद की 37 वीं बैठक संपन्न हुई। कुलपति प्रो. पीके दशोरा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कई मुद्दों पर मंथन के साथ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। परिषद के सदस्यों ने विभिन्न शैक्षणिक, प्रशासनिक और विकास संबंधी मुद्दों पर गहन चर्चा की। चर्चा में विद्यार्थी व शिक्षकों के हितों को भी शामिल किया गया। बैठक में कार्यकारी परिषद के सदस्यों के साथ लेफ्टिनेंट जनरल एके मिश्रा (रिटायर), प्रो. महेश चंद्र शर्मा व प्रो. कुलदीप अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति ने उत्कृष्ट शिक्षण के लिए विश्वविद्यालय परिवार के प्रयासों पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों की शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना होना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय की भूमिका को रेखांकित करते हुए नवाचार और देश निर्माण में निष्ठावान योगदान से और मजबूत बनाने की उम्मीद की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने विश्वविद्यालय में पहले संपन्न हुई कार्यकारी परिषद की बैठक का कार्यान्वयन प्रस्तुत किया। उन्होंने नवीन गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की। परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन बैठक में लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम विश्वविद्यालय को एक उत्कृष्ट शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रयासरत है। बैठक में छात्रों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए छात्रवृत्ति योजनाओं और अन्य सुविधाओं पर चर्चा की गई। जिसमें छात्राओं को शत प्रतिशत छात्रवृत्ति देने की प्रतिबद्धता को दर्शया। शैक्षणिक व छात्रावास के भवन निर्माण आदि के साथ ही समयानुकूल आवश्यकता आधारित शिक्षा तथा शोध कार्यों की गुणवत्ता के एजेंडा पर चर्चा हुई। परिषद के सदस्यों द्वारा दिए गए नवीन विचारों व संशोधन को भी कार्य सूची में शामिल किया गया। बैठक में प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. अब्दुल वदूद, प्रो. रविकांत, प्रो. महेश कुमार, प्रो. मसूद परवेज, वित्त अधिकारी मनोज गुप्ता, प्रो. अशोक पुरोहित, प्रो. प्रमोद कुमार, डा. राजेश कुमार उपाध्याय, डा. दीपशिखा सक्सेना, डा. अशोक उपाध्याय उपस्थित रहे।

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