सतर्क रहें, डिजिटल युग में गंभीर चुनौती है साइबर अपराध

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– मंगलायतन विश्वविद्यालय में हुआ साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
अलीगढ़। आज के डिजिटल युग में आनलाइन लेनदेन और इंटरनेट मीडिया का उपयोग तेजी से बढ़ गया है। ऐसे में साइबर अपराधियों के लिए भी नए अवसर पैदा हो गए हैं। साइबर ठगी के मामले रोज सामने आ रहे हैं और देशभर में प्रतिदिन लोगों से करोड़ों रुपये ठगे जा रहे हैं। ये साइबर ठग इतने शातिर हैं कि जरा सा भी चूके नहीं कि आपका बैंक खाता खाली। ऐसे में लोगों को इसके प्रति सतर्क और जागरूक करने की जरूरत को समझते हुए दैनिक जागरण ने ‘लुटेरा आनलाइन सतर्क रहें’ अभियान चलाया है।

मंगलायतन विश्वविद्यालय में साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला आईक्यूएसी के तत्वावधान में हुई। जिसमें  मुख्य अतिथि आईपीएस अधिकारी, एएसपी अरीबा नोमान ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि साइबर अपराध आज के डिजिटल युग में एक गंभीर चुनौती बन चुका है। इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को इस खतरे से बचाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करना है। हम सभी को साइबर सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। साइबर सुरक्षा हमारी डिजिटल सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए। घर में संपत्ति पर लाक रखते हैं वैसे ही अपने डिजिटल खातों पर लाक लगा कर रखें। साइबर ठग गुड मार्निंग संदेश के माध्यम से एपीके फाइल भेजकर आपकी डिवाइस हैक कर लेते हैं। इसके बाद आपके पास ओटीपी भी नहीं आता। इससे बचने के लिए अंजान लिंक पर क्लिक करने से बचने की आवश्यकता है। वाट्सएप काल से होने वाले अपराध से बचने के लिए अंजान काल को साइलेंट मोड पर रखें। डार्क वेब के संबंध में भी उन्होंने विद्यार्थियों को जानकारी दी। इंटरनेट मीडिया का प्रयोग सतर्कता के साथ करें। अपने स्वजन को भी जागरूक करें कि उनके पास कोई काल आए तो घबराए नहीं, वह साइबर ठग हो सकते हैं। एटीएम ट्रांजेक्शन लिमिट को कम कर दें। लुटेरे क्यूआर भी बदल देते हैं, भुगतान करने से पहले खाता धारक को प्रमाणित कर लें।


साइबर सेल प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि शेयर बाजार में निवेश के नाम पर साइबर अपराधी छोटे निवेश से मुनाफा दिखाकर विश्वास जीतते हैं, फिर बड़ी रकम उड़ा लेते हैं। अपने व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी जैसे कि बैंक खाता, पासवर्ड आदि किसी के साथ शेयर न करें। ठग अक्सर इन जानकारियों का इस्तेमाल आपके खाते से पैसे निकालने के लिए करते हैं। किसी भी वेबसाइट या एप्लिकेशन का उपयोग करने से पहले उसकी प्रमाणिकता और सुरक्षा की जांच करें। यदि आप ठगी का शिकार होते हैं तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने विद्यार्थियों व प्राध्यापकों से डिजिटल वारियर के रूप में पुलिस के साथ जुड़कर आमजन को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने की अपील की। कार्यशाला के अंत में विद्यार्थियों ने विशेषज्ञों से कई प्रश्न पूछे और अपनी आशंकाओं को दूर किया।

इंस्पेक्टर उदय भान सिंह ने कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए बल्कि सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण है। सभी आनलाइन दुनिया में सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। संयोजक डा. राजेश उपाध्याय, समन्वयक लव मित्तल, योगेश कौशिक रहे। संचालन वीर प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी, प्रो. आरके शर्मा, प्रो. सौरभ कुमार, प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. सिद्धार्थ जैन, डा. संतोष गौतम, प्रो. प्रदीप कुमार, डा. पूनम रानी आदि थे।
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