शिक्षक व छात्र निभा सकते हैं देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका

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मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ व जबलपुर के शिक्षकों की संगोष्ठी का आयोजन कुलपति सभागार में हुआ। संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार विकसित भारत के लिए विश्वविद्यालय परिसर को संवेदनशील बनाना था। शिक्षकों ने संगोष्ठी में विकसित भारत 2047 वायस ऑफ यूथ कार्यक्रम के तहत युवाओं की भूमिका पर चर्चा की। शिक्षकों ने एकता और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया जिससे कि लक्ष्य साधा जा सके।

डीन एकेडमिक प्रो. राजीव शर्मा ने कहा कि 2047 को स्वतंत्रता के 100 वर्ष से जोड़ा है। भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इससे हमारा देश विश्व के सबसे विकसित और समृद्ध देशों में से एक बनेगा। शिक्षक व छात्र देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आईक्यूएसी निदेशक डा. राजेश उपाध्याय ने कहा कि युवाओं को तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा में दक्षता प्राप्त करनी चाहिए, ताकि वे ऊंचाइयों को छूकर विकसित भारत का निर्माण करें। इसके लिए शिक्षकों को ज्ञान प्रदान करने के साथ युवाओं के मार्गदर्शक के रूप में भी काम करना होगा। एमयू जबलपुर के डीन एकेडमिक प्रो. राजेश शुक्ला ने कहा कि सभी शिक्षकों को युवाओं को प्रेरित करने के लिए उचित कदम उठाने होंगे, ताकि वे राष्ट्र के विकास में अपने योगदान को समझ सकें। युवाओं के माध्यम से ही विकसित भारत का सपना सच हाेगा। संगोष्ठी में प्रो. आरके शर्मा, प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी, प्राे. मनीषा शर्मा, डा. केपी सिंह, लव मित्तल, डा. सोनी सिंह, डा. स्वाती अग्रवाल, डा. विकास पांडे, डा. आशुतोष सक्सेना, आशीष, डा. प्रियंका दुबे, प्रो. बी चंद्रशेखर सिंह आदि थे।

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