-मंगलायतन विश्वविद्यालय में साप्ताहिक संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन
शिक्षण विधियों में नवाचार को प्रोत्साहित करने संकाय की पेशेवर क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से मंगलायतन विश्वविद्यालय में संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें “अनुसंधान एवं नवाचार: विकसित भारत के लिए एक प्रभावी साधन” विषय पर आधारित व्याख्यान आयोजित होंगे। आयोजन शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, व्यवसाय प्रबंधन एवं वाणिज्य संस्थान, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में हो रहा है।
प्रथम दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया गया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग की प्रो. नसरीन ने केस स्टडी पर विस्तार से चर्चा करते है कहा कि केस स्टडी एक शोध पद्धति है जिसमें किसी विशेष मामले की वास्तविक दुनिया के संदर्भ में विस्तृत जांच शामिल होती है। यह पद्धति शोधकर्ताओं को किसी स्थिति की जटिलताओं का पता लगाने और अध्ययन किए जा रहे विषय की गहरी समझ विकसित करने में मदद करती है। कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने विकसित भारत के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश जारी रहनी चाहिए। क्योंकि प्रयास ही हमें सही दिशा में ले जाएंगे। हम विकसित भारत की दिशा में बढ़ना चाहते हैं, तो हमें शिक्षा के विकास और नवाचार को केंद्रीय भूमिका में रखना होगा। डीन एकेडमिक प्रो. राजीव शर्मा ने कहा कि जो समय के साथ नहीं चलते खत्म हो जाते हैं। आज विकसित भारत के लिए अनुसंधान और नवाचार को प्राथमिकता देना आवश्यक है। प्रो. रविकांत ने कहा कि आपकी प्रतिष्ठा ज्ञान के माध्यम से ही विश्व में बढ़ेगी। व्यक्ति पैसे से अमीर नहीं होता ज्ञान से अमीर होता है। उन्होंने नवाचार को पेटेंट कराने पर बल दिया।
प्रो. अनुराग शाक्य ने अनुसंधान डिजाइन पर विस्तार से प्रकाश डाला। आईक्यूएसी के निदेशक डा. राजेश उपाध्याय ने बताया कि यह साप्ताहिक कार्यक्रम विश्वविद्यालय के शैक्षिक मानकों को और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डा. दीपशिखा सक्सेना ने कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रो. अशोक उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया। संचालन डा. नियति शर्मा ने किया। इस अवसर पर प्रो. आरके शर्मा, प्रो. वाईपी सिंह, प्रो. सिद्धार्थ जैन, प्रो. किशन पाल सिंह, डा. पूनम रानी, डा. सोनी सिंह, डा. स्वाति अग्रवाल, डा. संतोष गौतम, डा. रामकुमार पाठक, डा. रवि शेखर, लव मित्तल, प्रो. प्रदीप कुमार, मनीषा उपाध्याय, एंगेला फातिमा आदि थे।