मंगलायतन विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर पंडित देबाशीष चक्रवर्ती भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई संगीत के बीच सहयोग करने की ऑस्ट्रेलियाई पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे। ऑस्ट्रेलिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में गिना जाने वाला मोनाश विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए ‘राग-अभ्यास के माध्यम से संगीत अभिव्यक्तियां और रचनाओं में इसके सुधार’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। मोनाश संगीत प्रेमियों को क्रॉस कल्चरल संगीत के आनंद से परिचित कराने के लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
मोनाश विश्वविद्यालय ने पं. देबाशीष चक्रवर्ती को 11 से 27 अक्टूबर तक विजिटिंग फैकल्टी और आर्टिस्ट-इन-रेजिडेंट के रूप में आमंत्रित किया है। कार्यक्रम में सर जेलमैन कोवेन स्कूल ऑफ म्यूजिक के छात्र पं. देबाशीष चक्रवर्ती से भारतीय शास्त्रीय राग पर आधारित रचनाएं सीखेंगे। इसके बाद पं. चक्रवर्ती (स्लाइड गिटार) एवं कला एवं संगीत संकाय से रॉबर्ट बर्क (सैक्सोफोन), स्टीफन मैग्नसन (इलेक्ट्रिक गिटार) और सैम इवांस (तबला) विश्व प्रसिद्ध मेलबर्न इंटरनेशनल जैज फेस्टिवल 2024 सहित विभिन्न कार्यक्रमों में लाइव प्रस्तुति देंगे। इन कार्यक्रमों में पारंपरिक भारतीय संगीत के साथ-साथ कलाकारों द्वारा मूल रचनाएं भी प्रस्तुत की जाएंगी।
पं. देबाशीष चक्रवर्ती भारत के अग्रणी भारतीय शास्त्रीय गिटार वादकों में से एक हैं। वे गायकी (गायन शैली) और तंत्रकारी (वाद्य शैली) दोनों का मिश्रण करते हैं। उनकी संगीत शैली सरोद, सितार और वीणा बजाने की सबसे पुरानी परंपरा का अनुसरण करती है। उनकी शैली की शुद्धता, कल्पना की विशिष्टता, धुन में पूरी तरह से डूब जाना और उनकी शानदार तकनीक उनके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। वर्ष 2013 व 2015 में भी वह विभिन्न परियोजनाओं में भाग लेने के लिए मोनाश गए थे। मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके दशोरा, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, संयुक्त कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा और प्रबंधन ने उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी।