मंगलायतन विश्वविद्यालय का 17 वां स्थापना दिवस व शिक्षक दिवस मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। विश्वविद्यालय के 16 वर्ष पूर्ण करने की खुशी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व कुलगीत के साथ हुआ। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गीत, संगीत की त्रिवेणी की रंगा रंग छटा बिखेरी। इस दौरान उत्कृष्ट सेवा देने के लिए प्राध्यापकों व कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने कहा कि शिक्षक दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि पहले गुरु बृहस्पति हैं आज सभी शिक्षक उन्हीं की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। शिक्षक का व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए कि विद्यार्थी आकर्षित करे। यह तब संभव है जब आपके अंदर गुरुत्वाकर्षण होगा। आज हम चांद पर पहुंच गए हैं बृहस्पति तक पहुंचने की आवश्यकता है। शिक्षक की गलती से पीढ़ियां खराब हो जाती हैं। यदि भारत को विश्वगुरु बनाना है तो शिक्षकों को अपने कर्तव्य का पालन करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि आज विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आत्मनिरीक्षण का दिन है, आगे की योजनाएं बनाने का दिन है। योजनाओं का क्रियान्वित करने के लिए दृढ़ संकल्प लेने का दिन है। हमें मंगलायतन विवि को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनाना है। प्रतिभाओं को संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। 16 वर्षों में बहुत उपलब्धियां प्राप्त हुई है आगे और उपलब्धियां प्राप्त होंगी।
कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारा सौभाग्य है कि विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस भी इसी दिन है। शिक्षकों की राष्ट्र निर्माण में अद्वितीय भूमिका है हमें अपने कार्य का मूल्यांकन करते हुए निरंतर इस क्षेत्र में प्रगति के उपायों पर विचार करना चाहिए। मंगलायतन विश्वविद्यालय नित्य नई सीढ़ी चढ़ते हुए आदर्श के रूप में अपनी कीर्ति को प्रकाशमान कर रहा है। पिछले 16 वर्षों में विवि ने कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए अल्प समय में ही उच्चता को पा लिया है और जीवंतता का प्रतीक बन गया है। हमने नये आयामों में शोध कार्य, विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने से लेकर चिकित्सा के क्षेत्र में भी नई उपलब्धियां प्राप्त की हैं। आज इस तेजी से बदलते विश्व में प्रासंगिक बने रहना ही सफलता का मंत्र है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में ज्ञानेंद्र, रुचि, शिल्पी, मुस्कान, ज्योति ने कुलगीत, शिवानी, शिप्रा, निशा ने भाषण की प्रस्तुत दी। अंशिका ने गुरु वंदना, देवादित्य चक्रवर्ती ने संगीत, पायल ने गीत व निखिल ने नृत्य की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। प्रो. सिद्धार्थ जैन ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट सेवा देने वाले 121 प्राध्यापकों व कर्मचारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सफल आयोजन में प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, डा. पूनम रानी, डा. राजीव रंजन, विलास फालके, तरुण शर्मा, योगेश कौशिक, जितेंद्र शर्मा आदि का सहयोग रहा। संचालन यशिका गुप्ता ने किया। इस अवसर पर सह कुलपति प्रो. सिद्दी विरेशम, परीक्षा नियंत्रक डा. दिनेश शर्मा, प्रो. जेएल जैन, प्रो. रविकांत, प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. अनुराग शाक्य, प्रो. अंकुर अग्रवाल, प्रो. सौरभ कुमार, प्रो. मसूद परवेज, प्रो. अशोक पुरोहित, प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. कुमुदिनी पवार, डा. संतोष गौतम, डा. हैदर अली, डा. सोनी सिंह, लव मित्तल, मोहन माहेश्वरी आदि उपस्थित थे।
2006 में हुई थी मंविवि की स्थापना
मंगलायतन विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। विवि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचित, यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त और एआईसीटीई, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित है। राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) से ए प्लस ग्रेड की उपलब्धि मिली हुई है और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार से जैन अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा प्राप्त है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करना, संस्कृति व संस्कारों की ओर अग्रसर करना, परिवर्तन को अपनाना और नवीनतम कौशल और उच्चतम स्तर के सामाजिक और व्यक्तिगत मूल्यों के साथ तेजी से प्रगति कर रही दुनिया के लिए खुद को तैयार करना है। यहां वर्तमान में देश व विदेश के 3500 से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।
Hello this is a wonderful write-up. I’m going to e mail this to my friends. I came on this while searching on yahoo I’ll be sure to come back. thanks for sharing.
Hi88 là một trong những sân chơi giải trí trực tuyến được đánh giá cao nhờ giao diện hiện đại, tốc độ xử lý mượt mà và kho game phong phú. Nền tảng này gây ấn tượng bởi độ uy tín, minh bạch trong mọi giao dịch cùng dịch vụ chăm sóc khách hàng tận tâm 24/7. Nếu bạn đang tìm kiếm một địa chỉ vừa an toàn vừa thú vị để trải nghiệm, Hi88 chắc chắn là lựa chọn đáng để thử.
canadian pharmacy in canada
QRIS108 merupakan situs game online resmi terbaik di Indonesia yang bisa dimainkan oleh seluruh kalangan untuk bisa meraih kemenangan cuan sejati.
Fantastic goods from you, man. I have be mindful your stuff previous to and you’re simply extremely great. I really like what you have bought here, certainly like what you are stating and the way in which in which you say it. You make it entertaining and you continue to care for to stay it smart. I can’t wait to learn far more from you. This is really a tremendous website.
I genuinely enjoy examining on this internet site, it holds good posts. “One should die proudly when it is no longer possible to live proudly.” by Friedrich Wilhelm Nietzsche.